बुलंदशहर – मक़सूद जालिब
शांति नगर अली रजा के मकान पर मुहम्मद साहब की बेटी हज़रत फ़ातिमा ज़ेहरा की विलादत की खुशी में एक जश्न का आयोजन किया गया!
जिसकी अध्यक्षता मौलाना हसन अब्बास साहब ने की तथा संचालन के फ्राइज़ अंजाम दिए सैयद अली अब्बास नौगाॅंवीं ने ।
कार्यक्रम का आग़ाज़ मौलाना हसन अब्बास साहब ने तिलावते कलामे पाक से तथा सैयद अली अब्बास नोगाॅंवीं ने नाते पाक से किया।
इस प्रोग्राम में जनाबे फ़ातिमा ज़ेहरा की मदहा अर्थात उनकी तारीफ़ में शेर पढ़े गए! इरशाद अहमद शरर तथा ऐन मीम कौसर विशिष्ट अतिथि रहे। मौलाना ने बताया के हज़रत फ़ातिमा जे़हरा हमारे रसूल की बेटी थीं और बहुत खूबियों की मालिक थीं। खुदा ने जो कायनात बनाई थी वो उन्हीं की वजहा से बनाई थी। वो औरतों की सरदार हैं। उनके जन्म दिन वाले दिन को यौमे मदार के नाम से भी मनाया जाता है । इस कार्यक्रम में पढ़े गए शेर आपकी नज़र हैं-
*इरशाद अहमद शरर* ने कहा
गिरते हुए मौला ने मुझे थाम लिया है
जब भी शरर अली का कभी नाम लिया है
*ऐन मीम कौसर* ने कहा
अजमतों का आसमां हैं फ़ातिमा
नाज़िशे कोनो मकानं हैं फ़ातिमा
*सैयद अली अब्बास नोगाॅंवीं* ने कहा
है जिसका नाम जै़हरा और जो बिनते पैगंबर है
हिदायत का है सर चश्मा फ़ज़ीलत का समंदर है
*चाहत हुसैन* ने पढ़ा
हैं जो फ़ातिमा के बाबा वो रसूल है हमारे
है निसार जिन पर दुनिया वो रसूल हैं हमारे
*आलम रिज़वी* ने पढ़ा
रहमत रसूले पाक की बरसेगी
बेशुमार
ज़ेहरा का आज जश्ने विलादत है दोस्तों
*डॉक्टर सैयद निजामी शैदा राही* ने पढ़ा
नाम अली का इतना मीठा लगता है
इस के आगे शहद भी फ़ीका लगता है
इनके अलावा रईस अहमद , हसन अब्बास, अबू तालिब , क़मर हाशिम , फज़ल जमान, जिल्ले वगैरा ने भी कलम पड़े बाद में महफि़ल के कन्वीनर अली राज़ा ने सभी का शुक्रिया अदा किया।