मुद्दा गरम है

*उत्तराखण्ड में जंगलों की आग ने प्रदेश में बढ़ाया राजनीतिक पारा*

नेता प्रतिपक्ष ने धामी सरकार को घेरा, टेंशन में चारधाम व्यापारी

देहरादून। उत्तराखंड में आग का तांडव लगातार बढ़ता जा रहा है। जिससे अब आग पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार को सेना की मदद लेनी पड़ गई है। सबसे अधिक आग से नुकसान इस बार कुमाऊं मंडल में देखा जा रहा है। खासकर नैनीताल और बागेश्वर के साथ-साथ अन्य इलाकों में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया है। ऐसे में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने राज्य सरकार के कार्यों पर सवाल खड़े किए हैं।
उत्तराखंड में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूदा समय में ज्यादातर वक्त चुनाव प्रचार में बिता रहे हैं। जबकि उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग लगातार विकराल रूप ले रही है। जिससे वनाग्नि का असर वन्य जीव-जंतुओं और पर्यावरण पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कुमाऊं और गढ़वाल के जंगल आग से बीते कई दिनों से धधक रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी सरकार पूरी तरह से आग पर काबू पाने में नाकामयाब रही।
यशपाल आर्य ने कहा कि उत्तराखंड 75 प्रतिशत जंगल से घिरा हुआ है। आग निरंतर बढ़ रही है। आग पर काबू पाने के लिए कोई भी तंत्र मौजूद नहीं है और जो तंत्र मौजूद हैं, वह कारगर नहीं है। ऐसे में सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सभी काम छोड़कर राज्य के हित में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा आपदा प्रबंधन विभाग प्राकृतिक घटनाओं को कम करने में विफल हो गया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा सिर पर है। ऐसे में चारधाम रूट और मंदिरों में किसी भी तरह की कोई व्यवस्था अभी दिखाई नहीं दे रही है। जब लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आएंगे, तो कितनी अव्यवस्थाएं बढ़ जाएगी, इसका अंदाजा शायद सरकार को नहीं है।

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